ये आशिकोँ का शहर है जनाब यहाँ सवेरा सूरज से नही, किसी के दीदार से होता है………. ये तो बड़ा मुझ पर अत्याचार हो गया . खामख्वाह मुझे तुझसे प्यार हो गया |. इस कदर मेरी मुहब्बत की नुमाइश होगी। कि तेरे जैसा ही नसीब सबकी ख्वाहिश होगी। देख पगली दिल में प्यार होना चाहिए, धकधक तो Royal Enfield बाइक भी करती है.. बड़ी अजीब कश्मकश है~ उनके इंतज़ार में आँखे खुली रखूं या ख्वाबों में मिलने के लिए बंद कर लूँ। मत कर कोशिश, मेरे दर्द को समझने की तू इश्क़ कर, फिर चोट खा, फिर लिख दवा मेरे दर्द की… शिकवे शिकायत में उलझ कर रह गई मोहब्बत अपनी, समझ नहीं आता इश्क किया था या कोई मुकदमा लङ रहे थे.. अफ़सोस तो है तुम्हारे दिल के बदल जाने का मगर, तुम्हारी कुछ बातों ने मुझे, अकेले जीना सिखा दिया….!!! हमसे तो एक शख्स भी भुलाया ना गया, ना-जाने लोग कैसे नया महबूब बना लेते हैं…!!! तुमने समझा ही नही और ना समझना चाहा, हम चाहते ही क्या थे तुमसे, “तुम्हारे सिवा”…!!! मेरी साँसों को भी आज टूट जाने दे ए-खुदा, मेरे ख्वाबों की तरह, उसके वादों तेरे सिवा कौन समा सकता है मेरे दिल में, रुह