पहली बार अमेरिका में जेनेटिकली मॉडिफाइड इंसानी भ्रूण विकसित किए गए हैं। बेशक ये डिजाइनर बेबी पैदा करने की दिशा में कोई क्रांति नहीं है, लेकिन इस ओर पहला कदम रख दिया गया हैं। पहली बार अमेरिका में जेनेटिकली मोडिफाइड इंसानी भ्रूण विकसित किए गए हैं। बेशक, ये डिजाइनर बच्चे पैदा करने की दिशा में कोई क्रांति नहीं है, लेकिन इस ओर पहला कदम रख दिया गया हैं। बीते साल चीन ने भी ये कोशिश की थी. वैज्ञानिकों ने मानव भ्रूण को बदलने के लिए "क्रिसपर" नाम की एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया जो जींस में काट-छांट कर सकती है ऐसे रोगों की सूची लम्बी हैं। इसमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हीमोफिलिया, थैलेसीमिया, डाउन सिंड्रोम और कुछ निश्चित कैंसर शामिल हैं। और इस मामले में इसने दिल का दौरा पड़ सकने वाले जींस हटा दिए, हालांकि इससे फिर से नैतिकता से जुड़े सवाल उठ खड़े हुए हैं। लेकिन अब तक इंसानी भ्रूण को इंसान के भीतर रोपा नहीं गया हैं। इससे यह भी माना जा सकता है कि अब बीमारी को बचपन में ही हटाया जा सकता हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें केवल साइंस की ही भूमिका नहीं है, बल्कि समाज और एथिक्स का